
प्रार्थना
प्रार्थना परमेश्वर के साथ और परमेश्वर से वार्तालाप है. जबकि परमेश्वर को सीधी तरह से आप सुन नहीं सकते पर आप उन का ध्यान को जो आप पर है समझ सकेंगे.
अपने प्रार्थना में ईमानदार रहें )इब्रानी 10:22. वह पहले से ही जानता है की आप क्या कर रहें है. क्यों की वह तुम्हारा सृजनहार है उस से सम्मान के साथ बात करो.
वह आप से प्रेम रखता है इस कारण आप का सुनेगा. पर क्योंकि वह आप से ज्यादा बुद्धिमान है और उसका सोच आप के सोच से कई ज्यादा बड़ा है, होसकता है उत्तर हमेशा आप के पसंद का नहीं हो.
कई बार आप के जीवन के प्रति परमेश्वर के प्रणाली को समझ ने में ज्यादा वक्त लग जाता है, हो सकता है की आप मुश्किलों को सहेंगे, लोगो के द्वारा ठोकर खायेंगे, या खतरनाक हालात को सहना पड़े . पर आप के प्रार्थना के अनुसार उत्तर अगर नहीं मिला तो निराश न होना. कई बार परमेश्वर आप के धीरज को परखने के बाद सही और मन चाहा उत्तर देता है.
अपने शारीरिक पिटा के समान परमेश्वर भी अपने बच्चों की सुधि लेता है और चाहता है की हम लम्बी समय तक अच्छाइ प्राप्त करें.