दिन 7, परमेश्वर आपसे प्रेम रखता है !

दिन 7, परमेश्वर आपसे प्रेम रखता है !

परमेश्वर अपनी सृष्टि के जीवोंसे प्रेम रखता है और वहतुम से भी प्रेम रखाता है. और वह तुम से प्रेम पाना चाहता है. पर सच्चाई यह है की ज्यादा टार लोग उसे स्वीकारते नहीं और अपनी मर्जी की जिंदगी जीते है.

परमेश्वर अपने पवित्र आत्मा के द्वारा उस के लोगों से बात करना चाहता है. उस पवित्र आत्मा को पाने के लिए पहले आप को परमेश्वर को अपना रूपकार मानना होगा और येशु मसीह को अपना उद्धार कर्ता के रूप में ग्रहण करना होगा.

इस विषय पर आप स्वतंत्र निर्णय ले सकते है. अगर यह सब सरल और स्पष्ट दिखता है तो बस एक ही सही निर्णय है. अब आप सच्चयी जानते है तो निर्णय भी आप को ही लेना होगा.

यह ज़मानत पर छोड़ने की जैसे प्रस्ताव है| प्रस्ताव किया हुआ :आपको बस इतना ही विश्वास होना चाहिए कि ईश्वर ने अपना पुत्र येशु को दिया मरने के लिए हमारे गलतियों के कारण ,और दाम चुकाया सनातन म्रत्यु से बचने के लिए |यदि आप उसपर विश्वास नहीं करते या उसे छोड़ करके अपना जीवन जीते हो ,तो आप ईश्वर को अस्वीकार करते है तो आपका उसके साथ सबंध असम्भव है | 

क्या आप आज चनाव करने के लिए त्यार है?क्या आप इस प्रस्ताव को ग्रहण करना चाहते है ?

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