दिन 6, समाधान

दिन 6, समाधान

ईश्वर कभी नहीं बदलता ,न ही उसके नियम |क्या कोई आत्मकेंद्रित अशुद्ध मनुष्य उसकी समीपता में रह सकता है?निपुणता अपूर्णता को नहीं सहता |जिस प्रकार एक बूंद जहर पुरे पानी से भरे गिलास को दूषित कर्ता है|अपने स्वभाव से वह निपुण है,ईश्वर को हर कोई जो अशुद्ध है दण्ड देना होगा |और अगर अनआज्ञाकारिता का दाम म्रत्यु हो:एक गलती और आप खत्म | 

ईश्वर को अनदेखा और नकारने से इस जीवन के बाद अंत काल की म्रत्यु है ,बिना ईश्वर के एक दर्दनाक भविष्य |

अब क्या अगर एसा कोई शुद्ध हो ,एसा जो ईश्वर हमारे सृष्टिकर्ता के निपुण आदर्शो को पूरा करता हो?क्या अगर वह व्यक्ति आपके और ईश्वर के बीच में मध्यस्त होने के काबिल हो?वह व्यक्ति जो आपके द्वारा की गयी और होने वाली  गलतियों का प्रायश्चित करने योग्य हो |

एसा कौन कर सकता है?कोई सधारण इन्सान यह नहीं कर सकता |इसकारण वह कोई अलौकिक सामर्थ को रखने वाला व्यक्ति होना चहिये |यह सब काम करने का शक्ति रखने वाला होना चाहिये ,जो परिपूर्ण हो |

कोई साधरण इन्सान यह मुआवज़ा नहीं दे सकता |एक या दो बार मगर फिर वह अपने कामो में व्यस्त हो जायेगा | यह एक माया जाल में बदलेगा.

आपका चुनाव क्या होगा ?

मान लिया जाये कि वास्तव में कोई महान निपुण इन्सान है ,एक मध्यस्थ आपके और ईश्वर के बीच में , जो तुम्हारे सारे गलतीयोंके एवज में कीमत चुकाया हो जिसे तुम कभी न भुला पाओ.

क्या यह बलिदान सब से बड़ी और बेश कीमती नहीं है? 

अगर ईश्वर तुम्हारे अपूर्ण अवस्था और निर्णयों को ठीक करने किसी को भेजता तो कैसा होता? ऐसा कोई जो तुम्हारी क्षमा केलिए अपने जीवन तक दे दिया हो?

अब एक बहुत बड़ा कदम सामने है : जिसे तुम चाहो तो विश्वास कर सकते हो. क्योंकि आप चुनने के लिए स्वतंत्र है स्वीकार या इनकार आप के हाथ में है.

आपकी समस्या का हल निकालने के लिए परमेश्वर ने भी एक मध्यस्थ व्यक्ति को भेजा! परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र येशु मसीह को आपकी समस्या का हल के रूप में इस धरती पर भेजा. येशु परिपूर्ण इंसान है जिसमें कोई दाग या अपूर्णता नहीं है मगर उस ने उन सब चुनौतियों का सामना किया जो हम सब ने किया. येशु ने अपना गहरा प्रेम क्रूस पर तुम्हारे लये बलिदान होते समय जताया. उस ने अपना खून तुम्हारे लिए बहाया. तुम्हारी सारी गलियों का, जिन्हें तुमने अब तक किया और आगे भी करोगे,  और जो आप भविष्य में भी करोगे |

येशु मसीह तीन दिन तक म्रतक था ,फिर उसने साबित किया कि वह म्रत्यु से भी शक्तिशाली है: वह कब्र में से जी उठा !

क्या यह बड़ी बात नहीं एक बड़ा मूल्य उसके द्वारा चुकाया जाना ,आपके और आपके सृष्टिकर्ता के बीच में सनातन के सम्बन्ध को पुनस्थापित करने के लिये ?

सबसे अच्छा भेट

ईश्वर के द्वारा दिया गया सबसे बड़ी कीमत ;उसने अपने एकलौते पुत्र को आपके लिए बलिदान कर दिया |वह बदले में बस यह माँगता है कि हम येशु मसीह को उधारकर्ता करके माने और अपने जीवन का ईश्वर माने

यदि आप इसको विश्वास करके मान ले ,तो आप भी उसकी योजना के भागी हो जायेंगे .आपका भविष्य आपके सोअचने से जायदा अद्भुत हो जायेगा |

हो सकता है यह समाचार आप के लिए नया हो : अगर आप येशु के बारे में और अधिक जानकारी चाहते है तो निचे दिए गए लिंक देखें.

आपके सोचने के लिए प्रश्न :

क्या आप महसूस कर सकते है कि आप ईश्वर के परिपूर्ण आदर्शो को पूर्ण नहीं कर सकते ?

  • क्या आप को मालूम है कि ईश्वर आपसे प्यार करता है?
  • क्या आप विश्वास करते है की परमेश्वर आपके गुनाहों के माफी के लिए येश्हू को इस जगत में भेजा?

कल दिन 7 के लिए वापिस आना न भूलना

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