दिन 2, आपका फिर से स्वागत है !

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क्या आपने अपने जीवन के बारे में सोचा ?या आगे क्या होगा इसी सोच में हैक्या आप कुछ उतर ढूढ पाए आपके अस्तिव के बारे में?क्या आप प्रभावित है कई सारे उद्धरणों से कि जीवन का उत्पन्न एक इत्फ़ाक नहीं है?

और कुछ है?

जिन्दगी के बारे में और कुछ हो तो क्या?विज्ञान हमे साबित कर रहा है कि जीवन केवल इत्फ़ाक से ही उत्पन्न नहीं है|यहाँ तक कि सर्वश्रेष्ठ वैज्ञनिक भी जीवन के अस्तिव से जुड़े प्रश्नों के उत्तर नही ढूढ  पाए

कोई इत्फ़ाक नही

जीवन को उत्पन्न करने कि संभावना उतरगामी सिलसिले के बाहर शून्य है|न सब के पीछे बुद्धि का होना संभव है|यह बुद्धिमता उस सृष्टिकर्ता कि है इसने इस संसार को बनाया ?क्या यह सोच नुकसानदायक है?

अगर आप इछुक है संभावनाओं के बारे में सोचने के लिये ,तो बस पढते जाइये ……

कुशल नमूना

यदि अस्तिव के पीछे कुछ योजना है तो रूपकार जरूर होगा |यह किस प्रकार का रूपकार हो सकता है ?क्या आप इस को चित्रित कर सकते है?यह सम्बवत बहुत कठिन है विचारने के लिये कि, रूपकार ने जो विशाल और जटिल रचना कि है हमारे आसपास में हर निर्भरता जुडी है यहाँ तक कि सर्वश्रेष्ठ वैज्ञनिको को भी उनके सिमित छेत्र के अधयन से सब कुछ समझना कठिन है

एक निर्माता

यह सृष्टिकर्ता कैसा होगा?क्या वह निपुण और बहुत शक्तिशाली जीव नहीं होगा?अगर नहीं ,तो वह नहीं होता यह सब रचने के लिए जो आप देख सके है अपनी नजरों से,और न ही विस्तृत निपुण से |प्रकर्ति इतने निपुणता से बनाई गयी है कि मानव इतने जीवनकाल के बाद भी समझने में असफल है |यह जरूर एक अदभुत ज्ञानी है जिसने यह सब रूपांकित किया है

एक अचूक नमूना

Wएसा सृष्टिकर्ता  हर वस्तु निपुणता से बनता है आपके चारो तरफ देखीये …..आपको क्या दिखता है|क्या सबकुछ निपुण नहीं है?संभवतः नहीं|किसी कारण से ,सबकुछ निपुण नहीं है ,मगर एसी बहुत सी चीजें है जो प्रकर्ति के नियम के अनुसार होते है|क्या आप यह कल्पना कर सकते है कि संसार रूपकार के द्वारा सर्जित किया गया है ?किस प्रकार का रूपकार होगा वो?अगर नमूना परिपूण है तो रहस्य क्या हो सकता है?फिर तो ,आप भी उसी कि रचना है ,सही ?क्या आपको कुछ समय चाहिए इस पर विचार करने के लिए ,आज इस बबरे में सोचिये !हम आपसे कल फी मिलना चाहेंगे 

दिन 3 जारी रखें