श्रेणी: Day 6 links

येशु परमेश्वर का पुत्र

येशु परमेश्वर का पुत्र

यीशु को परमेश्वर का पुत्र क्यों कहते है?

यीशु ने स्वयं कहा कि वह परमेश्वर का पुत्र है :फिर उन सब ने कहा ,क्या फिर आप परमेश्वर के पुत्र है?तो उसने कहा ,आपने सही कहा कि में हूँ |”यीशु ने परमेश्वर को अपना पिता भी कहा है | तभी यह आकाशवाणी हुई: “यह मेरा प्रिय पुत्र है। जिससे मैं अति प्रसन्न हूँ।”(मत्ती३:१७ )परमेश्वर पिता और यीशु पुत्र के करीब संबंध को बताता है लुका १:३२

बाइबल इतिहास में पुत्र का मतलब सम्बन्ध है |दूसरे बाइबल के भागो में यीशु को परमेश्वर का वचन भी कहा गया है |हिब्रू शब्द पुत्र का मतलब है अनुयायी |

जबाप यीशु के अनुयायी बनेगे ,तब आप पवित्र आत्मा को पाएंगे और उसके संतान बनेगे जैसा कि रोमियो में लिखा है (रोमियों ८:१४) जो परमेश्वर की आत्मा के अनुसार चलते हैं, वे परमेश्वर की संतान हैं|

कलिसियायें

कलिसियायें

जब आप मसीही बना जाते है तो आवश्यक है की आप स्थानीय चर्च / कलीसिया में जाए. अगर आस पास...
बप्तिस्मा

बप्तिस्मा

बप्तिस्मा एक बाहरी संकेत है जिस के द्वारा आप लोगों को बताते है की आप मसीही है. बप्तिस्मा का प्रक्रिया...
प्रार्थना

प्रार्थना

प्रार्थना परमेश्वर के साथ और परमेश्वर से वार्तालाप है. जबकि परमेश्वर को सीधी तरह से आप सुन नहीं सकते पर...
पवित्र आत्मा

पवित्र आत्मा

बाइबल सिखाती है की परमेश्वर 3 व्यक्तियों में अपने आप का परिचय देता है. इसे त्रियेक्ता कहते है. हम इंसानों...
येशु परमेश्वर का पुत्र

येशु परमेश्वर का पुत्र

यीशु को परमेश्वर का पुत्र क्यों कहते है? यीशु ने स्वयं कहा कि वह परमेश्वर का पुत्र है :फिर उन...
येशु का जीवन

येशु का जीवन

यीशु का जन्म इस्रायेल में २००० साल पहले हुआ |इसके बारे में आप लुका की किताब में पढ़ सकते है...
बाइबल के कुछ उपयोगी पद

बाइबल के कुछ उपयोगी पद

परमेश्वर का प्रेम यूहन्ना 3:16 16 परमेश्वर को जगत से इतना प्रेम था कि उसने अपने एकमात्र पुत्र को दे...
बाइबल, परमेश्वर का पुस्तक

बाइबल, परमेश्वर का पुस्तक

बाइबल एक साधरण किताब नहीं है |वास्तव में वह एक किताब नहीं है पर ६६ किताबो का किताबघर है |उसमे...
येशु का जीवन

येशु का जीवन

यीशु का जन्म इस्रायेल में २००० साल पहले हुआ |इसके बारे में आप लुका की किताब में पढ़ सकते है |पहले ३० साल यीशु यहूदी परम्परा से जीवन व्यतीत किया ,बडई का काम करते हुए |इस समय में सभी इजराइल केसर रोमियो के अधीनता में था ,बेथलेहम भी जहां यीशु का जन्म हुआ और नज़रथ में जहां वह पला-बड़ा|

:तीसवे साल में यीशु ने सामाजिक प्रचार और अस्च्र्यक्रम किये ,फिर भी अपने जन्म स्थान से २०० मील भी दूर नहीं गए |तीन सालो में ही यीशु की प्रतिष्टा पुरे राष्ट्र में फ़ैल गयी |रोमी अधिकारी और इस्रेली नायक उसको देखने लगे|यीशु के मूल वचन :

•यीशु आपसे प्यार करता है और आपके साथ है |

•दूसरे से प्रेम करे |

•हर व्यक्ति का विशाल मूल्य |

•अच्छी खबर:परमश्वर का राज्य धरती पर आगया |

•न्याय कि वास्तविक्ता स्वर्ग से नरक तक |

•जो क्षमा मांगता है उसे क्षमा मिलती है \

यीशु के द्वारा विवादस्पद कार्य यह था कि वह बार बार अपने आप को परमेश्वर बता रहे थे जो रोमी कानून के खिलाफ था|इसलिए रोमी धार्मिक शासन ने उन्हें फांसी देने का फैसला किया |बहुत प्रयास के बाद भी यीशु में कोई भी कानून तोड़ने का काम नहीं किया |फिर भी रोमी शासन ने उसे फांसी डी गयी |

यीशु  को क्रूरता के साथ घायल किया गया और क्रूस पर उस के हाथों को ठोका गया. ऐसा करने से सांस लेना मश्किल बनजाता है और 3 घंटे में जान जा सकती है. (बाइबल लूका 22)

500 से ज्यादा गवाह के अनुसार यीशु  3 दिन बाद मृतकों में से जीउठा और करीब 40 दिन उत्तर और दक्षिण इस्राएल में दिख ते रहे. यह कार्य यीशु  का परमेश्वर होने के दावे को साबित करता है. वह यरूशलेम में, जहां उसे क्रूस पर मार दिया गया था, वापस आकर सब के सामने ज़िंदा आसमान पर उठा लिया गया. (प्रेरितों के काम 1)

इन अद्भुत कार्यों के कारण कई लोग यीशु  पर विश्वास करने लगे. उसी येरुशालेम में एक ही दिन में 3000 लोग यीशु  को मानने लगे. वहां के धर्म गुरु यीशु  के अनुयायियों को सताने लगे, कई सारे अपने जान देने तक तय्यार थे लेकिन यीशु  ओअर अपना विश्वास नहीं खोया. 

100 साल के अन्दर रोमी साम्राज्य (आसिया और यूरोप) पूरी तरह यीशु  को परमेश्वर मानने लगा. 350 वी सदी में रोमी बादशाह कांस्टेंटिन अपने आप को मसीही घोषित किया. 500 साल के अन्दर यूनानी देवी देवताओं के मंदिर मसीही कलीसियाये बनगए. यीशु  के सन्देश और सिक्षा मसीही धर्म के फैल ने से हल्का / पतला होगये पर उन के बातों का ताकत आज भी बरकरार है.

कलिसियायें

कलिसियायें

जब आप मसीही बना जाते है तो आवश्यक है की आप स्थानीय चर्च / कलीसिया में जाए. अगर आस पास...
बप्तिस्मा

बप्तिस्मा

बप्तिस्मा एक बाहरी संकेत है जिस के द्वारा आप लोगों को बताते है की आप मसीही है. बप्तिस्मा का प्रक्रिया...
प्रार्थना

प्रार्थना

प्रार्थना परमेश्वर के साथ और परमेश्वर से वार्तालाप है. जबकि परमेश्वर को सीधी तरह से आप सुन नहीं सकते पर...
पवित्र आत्मा

पवित्र आत्मा

बाइबल सिखाती है की परमेश्वर 3 व्यक्तियों में अपने आप का परिचय देता है. इसे त्रियेक्ता कहते है. हम इंसानों...
येशु परमेश्वर का पुत्र

येशु परमेश्वर का पुत्र

यीशु को परमेश्वर का पुत्र क्यों कहते है? यीशु ने स्वयं कहा कि वह परमेश्वर का पुत्र है :फिर उन...
येशु का जीवन

येशु का जीवन

यीशु का जन्म इस्रायेल में २००० साल पहले हुआ |इसके बारे में आप लुका की किताब में पढ़ सकते है...
बाइबल के कुछ उपयोगी पद

बाइबल के कुछ उपयोगी पद

परमेश्वर का प्रेम यूहन्ना 3:16 16 परमेश्वर को जगत से इतना प्रेम था कि उसने अपने एकमात्र पुत्र को दे...
बाइबल, परमेश्वर का पुस्तक

बाइबल, परमेश्वर का पुस्तक

बाइबल एक साधरण किताब नहीं है |वास्तव में वह एक किताब नहीं है पर ६६ किताबो का किताबघर है |उसमे...